कलर्स के ‘शिव शक्ति – तप, त्याग, तांडव’ में जीवंत होगी भगवान शिव केपरम भक्त रावण की गाथा, पुनीत इस्सर निभाएंगे दशानन का किरदार

कलर्स के ‘शिव शक्ति – तप, त्याग, तांडव’ में जीवंत होगी भगवान शिव केपरम भक्त रावण की गाथा, पुनीत इस्सर निभाएंगे दशानन का किरदार

अच्छाई की बुराई पर विजय के प्रतीक — दशहरा और दिवाली की रौनक अब धीरे-धीरे फीकी पड़ रही है और खत्म होते हुए फेस्टिव सीजन के समय कलर्स का लोकप्रिय पौराणिक शो ‘शिव शक्ति – तप, त्याग, तांडव’ दर्शकों को उस महान गाथा की ओर ले जा रहा है जिसने इस शाश्वत संघर्ष को जन्म दिया था। यानी रावण की उत्पत्ति की वह कथा, जो भगवान शिव के परम भक्त के रूप में उनकी पहचान को कायम करती है। आने वाले एपिसोड्स में अहंकार और भक्ति के बीच एक जबरदस्त टकराव देखने को मिलेगा, जब शक्तिशाली रावण की भेंट भगवान शिव के परम भक्त और द्वारपाल नंदी से होती है। गर्व की अग्नि भक्ति की शांति से टकराती है, और कैलाश पर्वत इस दिव्य संघर्ष का साक्षी बनता है। जो आरंभ में एक सामना भर लगता है, वही आगे चलकर आस्था, क्रोध और समर्पण की ब्रह्मांडीय परीक्षा में बदल जाता है। कथा तब आगे बढ़ती है जब रावण, कुबेर के राज्य को जीतकर लौटते हुए, अपने पुष्पक विमान को भगवान शिव और देवी पार्वती के पवित्र निवास कैलाश के ऊपर उड़ाने का साहस करता है। उसी क्षण नंदी उसका मार्ग रोकते हैं और शिव के वचन को दोहराते हैं। भगवान शिव के दो परम भक्तों के बीच यह आमना-सामना एक ऐसे बांधकर रखने वाले ट्रैक की शुरुआत करता है जो रावण की यात्रा, उसकी प्रतिभा, उसकी भक्ति और उसके अहंकार में डूबने की अनिवार्य गाथा को उजागर करता है।

इस ऐतिहासिक और गहन भूमिका को जीवंत कर रहे हैं पुनीत इस्सर, जो अपनी गहरी आवाज़, प्रभावशाली उपस्थिति और पौराणिक चरित्रों को जीवंत करने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं। पुनीत इस्सर रावण को एक पारंपरिक खलनायक के रूप में नहीं, बल्कि एक जटिल व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत करते हैं जो अपनी मेधा और अहंकार के द्वंद्व से ग्रस्त है — एक तेजस्वी विद्वान, जो अपनी ही घमंड की ज्वाला में भस्म हो जाता है।

अपने अनुभव को साझा करते हुए पुनीत इस्सर ने कहा , “मैं जीवनभर पौराणिक कथाओं के साथ जिया हूं, और हर बार जब मैं इन कहानियों की ओर लौटता हूँ, मुझे इनमें सत्य की नई परतें दिखाई देती हैं। रावण सिर्फ एक खलनायक नहीं, बल्कि एक विरोधाभास है — मानव जटिलताओं का प्रतिबिंब। वह वेदों का ज्ञाता था, भगवान शिव का परम भक्त था, और एक महान राजा भी, जो अपने ही अहंकार के कारण विनाश को प्राप्त हुआ। ‘शिव शक्ति – तप, त्याग, तांडव’ में उसे निभाना मेरे लिए बौद्धिक और आध्यात्मिक दोनों ही स्तरों पर चुनौतीपूर्ण रहा है। नंदी के साथ शुरू होने वाला यह ट्रैक ब्रह्मांडीय यात्रा की बस शुरुआत है, जो यह दर्शाता है कि शक्ति जब संयम खो देती है, तो वही आत्मविनाश का कारण बन जाती है। एक अभिनेता के रूप में, मुझे ऐसे किरदार आकर्षित करते हैं जो मेरे दृष्टिकोण को चुनौती देते हैं। हर साल जब रावण का पुतला जलाया जाता है, तो वह केवल एक राक्षस का अंत नहीं होता — वह हमारे भीतर के दोषों का दहन होता है। रावण वह व्यक्ति है जो अपने पतन में भी ऊँचा खड़ा रहता है, और यही उसे अमर बनाता है। इस किरदार को निभाना एक ऐसा अनुभव है जो आपको विनम्र भी बनाता है और भीतर तक झकझोर देता है।”

पुनीत इस्सर की प्रभावशाली स्क्रीन उपस्थिति और ‘शिव शक्ति – तप, त्याग, तांडव’ की भव्य कथा शैली मिलकर रावण के इस ट्रैक को शो के सबसे रोचक और दार्शनिक अध्यायों में से एक बना रहे हैं — एक ऐसी कथा जो दर्शन, भक्ति और अहंकार के शाश्वत युद्ध को उजागर करती है।

देखिए ‘शिव शक्ति – तप, त्याग, तांडव’ हर सोमवार से रविवार, रात 8:00 बजे, केवल कलर्स पर।

deshpatrika

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *