कलर्स के शो ‘मन्नत – हर खुशी पाने की’ में अब होने जा रहा है एक ऐसा मनोवैज्ञानिक मुकाबला जैसा पहले कभी नहीं देखा गया — जब विशाखा और मल्लिका मिलाएंगी हाथ

कलर्स के शो ‘मन्नत – हर खुशी पाने की’ में अब होने जा रहा है एक ऐसा मनोवैज्ञानिक मुकाबला जैसा पहले कभी नहीं देखा गया — जब विशाखा और मल्लिका मिलाएंगी हाथ

शादी की रोशनी से जगमगाते घर में, एक अंधेरा मनोवैज्ञानिक जाल बिछाया जा रहा है — ऐसा जाल जो सब कुछ बर्बाद कर सकता है। कलर्स का शो ‘मन्नत – हर खुशी पाने की’, जो प्यार, संघर्ष और हार न मानने की कहानी है, अब अपने सबसे विस्फोटक मोड़ पर पहुंच गया है। इस कहानी में आयशा सिंह मन्नत की भूमिका में हैं और अदनान खान उनके मंगेतर विक्रांत का किरदार निभा रहे हैं। सलूजा परिवार की लंबे समय से प्रतीक्षित शादी की तैयारियां चल रही हैं। हर ओर खुशी और उत्साह है, लेकिन इस जश्न की चमक के नीचे खतरे की आहट छिपी है। मन्नत को एक ऐसा सच पता चलता है जो सब कुछ बदल देता है — विक्रांत और धैर्य सगे भाई हैं। यह खुलासा सलूजा परिवार में भूचाल ला देता है और एक मनोवैज्ञानिक युद्ध की शुरुआत करता है, जो हर रिश्ते को तोड़ देने की धमकी देता है। अब मन्नत को उस आदमी को, जिससे वह प्यार करती है, उसके अतीत की परछाइयों से बचाना है — वरना वही अतीत उन्हें दोनों को निगल जाएगा।

मन्नत और विक्रांत के दत्तक माता-पिता रॉनी और नीतू के बीच एक भावनात्मक टकराव के बाद हालात पूरी तरह बिगड़ जाते हैं। विशाखा, जो विक्रांत की असली मां है, आखिरी चेतावनी देती है — “पूरी सलूजा प्रॉपर्टी मेरे नाम कर दो, नहीं तो अंजाम भुगतो।” लेकिन जब मन्नत को विशाखा की असली कुटिल मंशा का पता चलता है, तो वह रॉनी को सब कुछ सौंपने से रोक देती है। मन्नत की यह चुनौती विशाखा के गुस्से को भड़का देती है। अब हताश और खतरनाक विशाखा, ऐश्वर्या को जमानत दिलाने के बहाने मल्लिका के साथ हाथ मिला लेती है। दोनों एक विकृत योजना बनाती हैं — विक्रांत के बचपन के दर्दनाक ट्रॉमा को फिर से जीने पर मजबूर करने की। उनका लक्ष्य है — विक्रांत का दिमाग को अस्थिर कर देना, इससे पहले कि मन्नत उसके जख्मी दिल पर मरहम लगा सके।

जैसे-जैसे पुराने घाव फिर से हरे होते जाते हैं और छिपे हुए सच बाहर आने की धमकी देते हैं, मन्नत एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहाँ हर फैसला उसकी जिंदगी बदल सकता है। क्या वह विक्रांत को उन दर्दनाक यादों के सैलाब से बचा पाएगी, जो सलूजा परिवार को बिखेर सकता है? या फिर विशाखआ के छल और साज़िशों के सामने उसका संघर्ष टूट जाएगा?

देखिएमन्नतहर खुशी पाने कीहर सोमवार से रविवार रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर।

deshpatrika

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