फिल्म रिव्यू: डेडा – एक पिता का निःस्वार्थ प्रेमपूर्ण सफर

फिल्म रिव्यू: डेडा – एक पिता का निःस्वार्थ प्रेमपूर्ण सफर
गुजराती सिनेमा में अब कहानियाँ और भावनाएँ गहराई से जुड़ने लगी हैं – और “डेडा” इसकी एक बेहतरीन मिसाल है। हेमा शुक्ला के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक साधारण मिडल क्लास पिता की कहानी है, जो कठिन हालातों में भी अपने परिवार के लिए डटकर खड़ा रहता है।
कहानी:
अखिल (गौरव पासवाला) और खुशी (हेली शाह) की दुनिया तब बिखरने लगती है जब खुशी की हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के लिए अचानक बड़ी रकम की ज़रूरत पड़ती है। यह फिल्म उनके आर्थिक और भावनात्मक संघर्ष की कहानी है – एक ऐसा सफर जो हर किसी के दिल को छूता है।

अभिनय:
गौरव पासवाला का अभिनय शानदार है। एक पिता के डगमगाते मन, डर और प्यार की भावनाओं को उन्होंने बेहद भावुक तरीके से प्रस्तुत किया है। हेली शाह की उपस्थिति और अभिनय भी प्रभावशाली है। सहायक कलाकार – हितेन तेजवानी, अस्सारानी, मेहुल बुच और सोनाली देसाई – सभी ने अपनी भूमिकाएं अच्छी तरह निभाई हैं।
शक्तिशाली दृश्य:
फिल्म में कुछ दृश्य आपको रुककर सोचने पर मजबूर कर देते हैं – खासकर वह पल जब अखिल तनाव में टूट जाता है और फिर खुद को संभालता है।
संक्षेप में:
“डेडा” एक भावनात्मक, प्रेरणादायक और पारिवारिक मूल्यों से भरपूर फिल्म है, जो दर्शकों के दिल को छूने में सफल रहती है।
रेटिंग: (3/5)
