जेनएस लाइफ की ‘कहानी अभी बाकी है’ पॉडकास्ट की एक हृदयस्पर्शी श्रद्धांजलि उर्मिला आशेर उर्फ ‘गुज्जुबेन’ को।

जेनएस लाइफ की ‘कहानी अभी बाकी है’ पॉडकास्ट की एक हृदयस्पर्शी श्रद्धांजलि उर्मिला आशेर उर्फ ‘गुज्जुबेन’ को।

नेशनल, 8 मई 2025: जेनएस लाइफ, एक ऐसा पॉडकास्ट है, जो 60 साल से ऊपर के लोगों को खुशहाल और सक्रिय जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। उसने अपने पॉडकास्ट सीरीज ‘कहानी अभी बाकी है’ का एक खास एपिसोड लॉन्च किया है। यह एपिसोड उर्मिलाजी आशेर, जिन्हें प्यार से ‘गुज्जुबेन’ कहा जाता था, उनकी खास और प्रेरणादायक ज़िंदगी को सम्मान देने के लिए समर्पित किया है।

यह पॉडकास्ट जानीमानी आरजे, एक्टर और लेखक तराना राजा द्वारा होस्ट किया गया है। जेनएस लाइफ का ‘कहानी अभी बाकी है’ पॉडकास्ट 60 साल से ऊपर के लोगों की कहानियों और अनुभवों को सामने लाने का काम करता है। यह पॉडकास्ट उम्र से जुड़ी सोच को बदल कर जीवनभर की कोशिशों और सपनों का जश्न मनाता है। उर्मिला जी को समर्पित यह खास एपिसोड एक सबक सभी को देता है, जिसमें एक ऐसी महिला की कहानी है, जिन्होंने उम्र और जीवन के मकसद को नए मायने दिए।

उर्मिला जी की कहानी, एक आम से ख़ास बनी महिला की कहानी है, जिसमें उन्होंने अपने परिवार को प्यार से खाना बनाकर संभाला, फिर 70 की उम्र में मास्टरशेफ इंडिया की दमदार प्रतियोगी रहीं और सोशल मीडिया स्टार बनीं। जुनून, ज़िंदगी का सलीका और मौन शक्ति की वह बहुत बड़ी मिसाल हैं। इस खास एपिसोड के ज़रिए पॉडकास्ट एक ऐसी ज़िंदगी के कई पहलुओं को दिखाता है, जो प्यार, हिम्मत और स्वाद से भरी रही।

उर्मिला जी की कुछ कर दिखाने की भावना कोविड-19 महामारी के दौरान जागी, जब उन्होंने घर पर बना हुआ अचार बेचना शुरू किया। शुरू के कुछ महीनों में ही लगभग 500 जार बेचकर उन्होंने शानदार सफलता हासिल की। वे हमेशा अपने परिवार के लिए एक मज़बूत सहारा रहीं, खासकर मुश्किल समय में। महामारी की कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने पूरे हौसले और प्यार के साथ अपने परिवार के लिए रास्ता निकाला। एक घरेलू रसोइया से छोटे व्यवसाय की मालकिन बनने का उनका सफ़र सिर्फ अचार बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उनकी हिम्मत और अपने परिवार के प्रति उनकी निस्वार्थ भावना का सबूत था।

यह एपिसोड दुनिया के सामने उर्मिला जी की पहचान से आगे बढ़कर, उनके असली व्यक्तित्व को सामने लाता है। वे अपनी आसान रेसिपीज़ और स्क्रीन पर खुशमिजाज मौजूदगी के लिए जानी जाती थीं, लेकिन उनके अंदर अनुभवों का एक पूरा खज़ाना छिपा था। जहां उन्होंने मुश्किलों को मुस्कुराहट से और जिम्मेदारियों को अपने सपनों से संतुलित किया। चाहे ज़रूरतमंद की मदद के लिए अस्पताल भागना हो या पूरे परिवार के लिए खाना तैयार करना, उनकी सेवा की भावना उतनी ही गहरी थी, जितनी उनकी विनम्रता। मास्टरशेफ़ इंडिया में उनकी भागीदारी सिर्फ एक करियर की उपलब्धि नहीं थी, बल्कि एक व्यक्तिगत जीत थी, जो उनके जीवन के प्रति जुनून और उम्र की परवाह किए बिना सपने देखने की हिम्मत को दिखाती है।

इस एपिसोड में उनके पोते, हर्ष ने उनके बारे में एक बेहद भावुक और निजी अनुभव साझा किया:

“वो रोज़ 14 घंटे से ज़्यादा काम करती थीं, और ये मेरे लिए हैरानी की बात थी। 75 साल से ऊपर की उम्र में कोई इतना लगातार कैसे काम कर सकता है? उन्होंने कभी अपने बारे में नहीं सोचा, उनका जीवन दूसरों के लिए था। चाहे किसी को भावनात्मक सहारे की ज़रूरत हो या सिर्फ उनके साथ रहने की, वो तुरंत पहुँच जाती थीं। उनके मन में तो वो हमेशा 40 की थीं। भले ही आखिर में उनका शरीर थक गया था, लेकिन मैंने कभी उनके चेहरे पर उदासी नहीं देखी। वो हमारी बहुत बड़ी ताकत थीं।”

हर्ष की यादों के ज़रिए श्रोता जान पाते हैं कि उर्मिला जी कैसी इंसान थीं। निस्वार्थ, जोश से भरी हुई, और अपने सबसे मुश्किल समय में भी हर किसी के लिए भावनात्मक रूप से मौजूद। जेनएस लाइफ का ‘कहानी अभी बाकी है’ पॉडकास्ट ऐसे ही प्रेरणादायक और सच्चे इंसानी किस्सों को साझा करने के लिए शुरू किया गया, खासकर 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों की कहानियों को बयां करने के लिए।

उर्मिला जी आशेर को समर्पित यह श्रद्धांजलि इस बात का प्रमाण है कि जीवन को पूरी तरह जिया जा सकता है, दिल से प्यार किया जा सकता है, और देर से शुरू हुए सफर भी बहुत ख़ास हो सकते हैं। यह एपिसोड अब link पर स्ट्रीम हो रहा है, और सभी श्रोताओं को आमंत्रित करता है कि वे उस महिला के जीवन का जश्न मनाएं, जिसने रोज़मर्रा के पलों को यादगार विरासत में बदल दिया।

यह खास एपिसोड एक बड़े सीरीज़ का हिस्सा है, जिसमें 60 साल से ऊपर की उम्र के प्रेरणादायक व्यक्तियों से बातचीत की जाती है, जो लगातार सीमाओं की परवाह किए बिना अपने खुद के तरीके से जीवन जी रहे हैं। इस सफर में, जेनएस लाइफ को प्रसिद्ध हस्तियों जैसे टीकू तलसानिया, सोहराब अर्देशिर, अवंतिका अकेरकर, आयाज़ मेमन, मधु राजा, शमीम अख्तर, प्रह्लाद कक्कड़, संदीप सोपारकर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा, बिनोद प्रधान, शशांक घोष और भावना सोमाया आदि से बात करने का सुनहरा अवसर मिला है। उनकी कहानियाँ, जल्द ही ‘कहानी अभी बाकी है’ पर आएंगी, जो 60 साल से ऊपर के समुदाय की ऊर्जा, बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता को गौरवान्वित करेंगी। जेनएस लाइफ का ‘कहानी अभी बाकी है’ पॉडकास्ट ऐसी प्रेरणादायक ज़िंदगी के सफ़र को दिखाकर यह लक्ष्य रखता है कि सोच में बदलाव लाया जाए और एक ऐसा समुदाय बने, जो विश्वास करे कि जीवन के अहम अध्याय अभी भी खुल रहे हैं।

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