डॉ. बत्राज® ने भारत का पहला नॉन-इंजेक्टेबल एक्सोसोम-आधारित XODerma त्वचा पुनर्जीवन उपचार लॉन्च किया
मुंबई, 16 दिसंबर 2025: भारत में आधुनिक होम्योपैथी के अग्रणी डॉ. बत्राज® ने डॉ. बत्राज® XODerma पेश किया है। यह त्वचा पुनर्जीवन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी उपलब्धि है और भारत में अपनी तरह का पहला उपचार है, जो उन्नत एंटी-एजिंग और एंटी-पिग्मेंटेशन केयर के लिए होम्योपैथी और स्किन एक्सोसोम तकनीक को एक साथ लाता है। यह नॉन-इंजेक्टेबल, नॉन-इनवेसिव और दर्दरहित उपचार सुरक्षित और आरामदायक तरीके से लोगों को बेदाग, उम्ररहित त्वचा पाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें केवल तीन सत्रों में ही स्पष्ट परिणाम दिखाई देते हैं।
डॉ. बत्राज® XODerma एक्सोसोम विज्ञान पर आधारित है। एक्सोसोम अत्यंत लक्षित जैविक संदेशवाहक होते हैं, जो त्वचा की गहराई में कोशिकीय स्तर पर कार्य करते हैं। ये नैनो आकार के कण त्वचा की अंदरूनी परतों तक प्रवेश कर प्राकृतिक मरम्मत और पुनर्जनन प्रक्रियाओं को सक्रिय करते हैं, जिससे केवल सतही सौंदर्य सुधार के बजाय लंबे समय तक प्रभावी परिणाम मिलते हैं। कोशिकीय स्तर पर कार्य करने के कारण यह उपचार समय के साथ त्वचा की बनावट, रंगत, कसाव और स्पष्टता में उल्लेखनीय सुधार करता है।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए डॉ. अक्षय बत्रा, ट्राइकोलॉजिस्ट, होम्योपैथिक कॉस्मेटोलॉजी एवं एस्थेटिक्स में फेलोशिप धारक और डॉ. बत्राज® हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक ने कहा, “डॉ. बत्राज® में, मरीजों को वास्तविक लाभ पहुँचाने वाला नवाचार ही हमारे काम का केंद्र है। भारत में एक्सोसोम-आधारित हेयर ट्रीटमेंट्स को सफलतापूर्वक पेश करने के बाद, हम अपने मरीजों के लिए एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त त्वचा पुनर्जीवन थेरेपी XODerma लाकर बेहद प्रसन्न हैं। प्रदूषण, तनाव, बढ़ती उम्र और व्यस्त जीवनशैली से जुड़ी त्वचा समस्याओं के बढ़ने के साथ, आज लोग ऐसे उपचार चाहते हैं जो तेज़, प्रभावी और सबसे बढ़कर सुरक्षित हों। XODerma केवल तीन सत्रों में ही त्वचा की बनावट, रंगत और कसाव में स्पष्ट सुधार देता है। अत्याधुनिक एक्सोसोम विज्ञान को प्राकृतिक, दुष्प्रभाव-मुक्त देखभाल के हमारे वादे के साथ जोड़कर, हमारा लक्ष्य सबसे आरामदायक तरीके से स्वस्थ, युवा और दमकती त्वचा प्रदान करना है।”
उन्नत एक्सोसोम तकनीक व्यक्तिगत होम्योपैथी के साथ मिलकर कार्य करती है यह XODerma को विशिष्ट बनाने वाली इसकी एकीकृत उपचार पद्धति है। जहाँ एक्सोसोम बाहर से त्वचा की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं होम्योपैथिक दवाएँ पिग्मेंटेशन और त्वचा की उम्र बढ़ने के मूल कारणों जैसे हार्मोनल असंतुलन, पोषण संबंधी कमी, तनाव और जीवनशैली से जुड़ी त्वचा समस्याओं को संबोधित करती हैं। यह दोहरा प्रभाव वाला दृष्टिकोण आंतरिक संतुलन और बाहरी त्वचा पुनर्नवीकरण दोनों को समर्थन देता है, जिससे अधिक टिकाऊ और समग्र परिणाम प्राप्त होते हैं।
यह उपचार वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित त्वचा-सक्रिय तत्वों के शक्तिशाली मिश्रण से समृद्ध है। पेप्टाइड्स महीन रेखाओं को मुलायम करने और त्वचा की मजबूती बढ़ाने में मदद करते हैं, हायल्यूरोनिक एसिड त्वचा को गहराई से हाइड्रेट कर उसे भरावदार बनाता है, PDRN कोलेजन के उत्पादन को उत्तेजित करता है और डीएनए रिपेयर को समर्थन देता है, जबकि एडेनोसिन त्वचा के नवीनीकरण की प्रक्रिया को तेज़ कर समग्र त्वचा गुणवत्ता में सुधार करता है। ये सभी तत्व मिलकर त्वचा की चमक बढ़ाने, पिग्मेंटेशन कम करने, मजबूती सुधारने और त्वचा की बनावट को निखारने का कार्य करते हैं।
प्रत्येक XODerma सत्र की शुरुआत AI-आधारित त्वचा विश्लेषण से होती है, जिसमें उन्नत तकनीक की मदद से पिग्मेंटेशन, महीन रेखाएँ, पोर्स का आकार, त्वचा की बनावट और हाइड्रेशन स्तर का आकलन किया जाता है। इस मूल्यांकन के आधार पर डॉक्टर प्रत्येक व्यक्ति की त्वचा आवश्यकताओं के अनुसार एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं। इसके बाद त्वचा को उपचार के लिए तैयार करने हेतु डीप क्लींज़िंग की जाती है। फिर डर्मा पेन की सहायता से सूक्ष्म माइक्रो-चैनल बनाए जाते हैं, जिससे एक्सोसोम्स और सक्रिय तत्वों को त्वचा की गहरी परतों तक सटीक, नॉन-इंजेक्टेबल तरीके से पहुँचाया जा सके। लक्षित एक्सोसोम रिलीज़ से सर्वोत्तम अवशोषण और प्रभावशीलता सुनिश्चित होती है, साथ ही पूरी प्रक्रिया आरामदायक और सुरक्षित बनी रहती है।
उपचार चक्र के अंत में मरीजों को AI-आधारित त्वचा पुनर्मूल्यांकन के माध्यम से तैयार की गई एक विस्तृत परिणाम रिपोर्ट प्रदान की जाती है। यह रिपोर्ट उपचार से पहले और बाद की त्वचा की स्थिति की स्पष्ट तुलना प्रस्तुत करती है, जिसमें पिग्मेंटेशन में कमी, त्वचा की रंगत में सुधार, बढ़ी हुई मजबूती और त्वचा की बनावट में स्पष्ट निखार को दर्शाया जाता है। इससे परिणामों की पारदर्शिता सुनिश्चित होती है और उन्हें वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया जाता है।
