अहमदाबाद में भारत की आईटी क्रांति की गाथा दर्शाती पुस्तक “द मेवरिक इफेक्ट” का विमोचन
अहमदाबाद: प्रसिद्ध लेखक श्री हरीश मेहता की पुस्तक “मेवरिक इफेक्ट” का गुजराती संस्करण 14 सितंबर, 2024 को अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन में जारी किया गया था। उल्लेखनीय है कि श्री हरीश मेहता द मेवरिक इफेक्ट: द इनसाइड स्टोरी ऑफ इंडियाज आईटी रेवोल्यूशन के लेखक, देवांग मेहता फाउंडेशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी, ऑनवर्ड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के संस्थापक और NASSCOM के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
पुस्तक लॉन्च के अवसर पर श्री प्रणव पंड्या, अध्यक्ष एवं निदेशक, जीईएसआईए और सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष, देव आईटी लिमिटेड तथा वाईजे त्रिवेदी एंड कंपनी के वरिष्ठ भागीदार, आईपी सलाहकार और वकील, TiE अहमदाबाद के पूर्व अध्यक्ष श्री जतिन त्रिवेदी ने एक प्रस्तुति दी।श्री हरीश मेहता के साथ डॉ. अहमदाबाद विश्वविद्यालय में गुजराती साहित्य प्रतिपादक, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और एप्लाइड साइंस के प्रोफेसर और एसोसिएट डीन संजय चौधरी ने एक तीखी बातचीत की। इसके अलावा उपस्थित दर्शकों से संवाद भी किया गया।
भारतीय आईटी दिग्गज श्री हरीश मेहता को 1988 में NASSCOM के सह-संस्थापक द्वारा भारत में आईटी उद्योग को बढ़ावा देने के पीछे प्रेरक शक्ति के रूप में पहचाना जाता है।वह NASSCOM के पहले अध्यक्ष के रूप में चुने गए और NASSCOM अध्यक्ष परिषद के संयोजक थे।श्री हरीश मेहता 2022 के राष्ट्रीय बेस्टसेलर ‘द मेवरिक इफेक्ट’ के पुरस्कार विजेता लेखक भी हैं, जिसने एक मास्टर कहानीकार के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को मजबूत किया।उनकी आज पुस्तक को गुजराती में परिवर्तित किया गया है जिसे सूरत और फिर अहमदाबाद में लॉन्च किया गया था।इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अहमदाबाद के कॉलेज प्रिंसिपल, फैकल्टी, छात्र समेत आईटी सेक्टर से जुड़े ज्यादातर लोग मौजूद रहे।
एक समय था जब भारत को “लेंड ऑफ़ स्नेक चोमर्स” कहा जाता था और आज यह “वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र” बन गया है।डेस्कों पर फाइलों के ढेर वाली धूल भरी औपनिवेशिक इमारतों का स्थान कंप्यूटरों से भरे चमकीले, कांच के कार्यालयों ने ले लिया है।लोग निडर और आत्मनिर्भर हो गये हैं। महज 30 साल की छोटी सी अवधि में बहुत कुछ बदल गया है। इसकी खोज श्री हरीश मेहता की पुस्तक “द मेवरिक इफेक्ट” में की गई है।लेखक हरीश मेहता कहते हैं, “यह पुस्तक नैसकॉम के नेतृत्व में भारतीय आईटी क्रांति की अनकही कहानी प्रस्तुत करती है जिसे मैंने नैसकॉम के सह-संस्थापक और पहले निर्वाचित अध्यक्ष के रूप में देखा था। पुस्तक में पहले कभी न सुनी गई कहानियाँ भी शामिल हैं। साथ ही अनकहे अनुभव भी हैं इस पुस्तक में NASSCOM के कई नेता शामिल हैं।जबकि भारत के परिवर्तन की कहानियां हर भारतीय तक पहुंचने लायक हैं, पुस्तक में उजागर किए गए अद्वितीय मूल्यों और लोगों के नेतृत्व वाले फ्लाईव्हील को मीडिया सहित किसी भी उद्योग में लागू किया जा सकता है।