ग्रामीणकिशोरियोंकेबीचयौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारपरजागरूकतालानेकेलिए “अबबनेगीअपनीबात” एलएमएस-आधारितऐपऔरएआईचैटबॉट “बिंदीसेपूछें” लॉन्चकियागया।

ग्रामीणकिशोरियोंकेबीचयौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारपरजागरूकतालानेकेलिए “अबबनेगीअपनीबात” एलएमएस-आधारितऐपऔरएआईचैटबॉट “बिंदीसेपूछें” लॉन्चकियागया।

अजमेर -25 September,2025 – अपनी तरह के एक अनोखे आयोजन में, ग्रामीण राजस्थान से 100 किशोर लड़कियां, लीडर्स  और ग्रामीण राजस्थान  के कार्यकर्ता किशोरी स्वास्थ्य मेले – “आओ मिलो सीखो जानो” में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए। इस अवसर पर लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) आधारित ऐप “अब बनेगी अपनी बात” और एआई-संचालित व्हाट्सएप चैटबॉट “बिंदी से पूछें” का शुभारंभ हुआ।

डॉ. मोनालिसा पाधी, प्रोग्राम हेड, वेलनेस और एजूकशन , बिंदी इंटरनेशनल, जिन्होंने अपनी फेलोशिप परियोजना के हिस्से के रूप में इस परियोजना का नेतृत्व किया, बताती हैं – “हमने देखा है कि किशोर लड़कियों को गेम खेलना और छोटी-छोटी कहानियाँ देखना या सुनना बहुत पसंद होता है। इसीलिए हमने सोचा कि कि अगर हम रिश्तों में सहमति, विश्वास और स्वतंत्रता जैसे विषयों पर प्रासंगिक कहानियाँ बनाएँ और उन्हें चिंतन-आधारित खेलों के साथ जोड़ें, तो इससे लड़कियों के लिए जानकारी प्राप्त करने के लिए एक सुरक्षित, निजी स्थान की कमी को पूरा किया जा सकता है।  हमारा उद्देश्य है कि हम आज की किशोरियों के कंटेंट उपभोग करने के तरीकों के अनुसार चलें  और ऐसा माहौल बनाएँ जहाँ वे समर्थित, सम्मानित और सशक्त महसूस करें।”

इस पहल का उद्देश्य किशोर लड़कियों को आत्मसम्मान, रिश्तों और सहमति जैसे विषयों को सीखने और समझने में सक्षम बनाना है, जिन पर प्रतिबंधों के कारण खुलकर चर्चा कम ही होती है। यह मंच लड़कियों को निजी और निष्पक्ष स्थान प्रदान करता है, जहाँ वे स्वतंत्र रूप से प्रश्न पूछ सकें, साझा कर सकें और अपने विकल्पों पर विचार कर सकें. यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म छोटी-छोटी, प्रासंगिक कहानियाँ और इंटरैक्टिव गेम के माध्यम से  लड़कियों को अपनी व्यतिगत सोच और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करेगा  ताकि वे सोच-समझकर निर्णय ले सकें।

मेले में, लड़कियों ने विभिन्न गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जैसे कि DIY मासिक धर्म ब्रेसलेट और दीवार-ए- सवाल,  हॉपस्कॉच, पास द पार्सल  जैसे लोकप्रिय खेल खेले , जिन्हें मासिक धर्म और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए तैयार किया गया था। इंटरैक्टिव डिज़ाइन से किशोरियीं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिए और  सीखना आनंददायक रहा । मेले के  उत्साहपूर्ण वातावरण में युवा लड़कियों ने बड़ी सहजता से स्वस्थ संबंधों और सहमति के बारे निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत किया है।

कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण एवं स्वास्थ्य सलाहकार परमजीत कौर ने कहा “इस मेले के माध्यम से हमारा उद्देश्य सुरक्षित और विश्वसनीय स्थानों का सह-निर्माण करना है, जहां लड़कियां मौज-मस्ती कर सकें, सीख सकें और सहकर्मी नेटवर्क बना सकें, यहाँ वे भरोसा कर सकें और मदद मांग सकें।”

इस कार्यक्रम का एक और मुख्य आकर्षण एआई चैटबॉट- “बिंदी से पूछें” था, जिसने मासिक धर्म और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े सवालों के गोपनीय जवाब देने के लिए एआई  का लाभ उठाया। इसे एलएमएस आधारित ऐप के विस्तार के रूप में डिज़ाइन किया गया था, जहाँ लड़कियाँ अपनी रुचि के विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

दिल से हुई बातचीत और विचारों के साथ, कई किशोर लड़कियों ने अपनी यात्रा और कहानियाँ साझा करने का साहस पाया। उनमें से कुछ ने तो “बातचीत मंडली” की सुविधा प्रदान करने और इन डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों का सह-निर्माण करने के लिए स्वेच्छा से योगदान देने का निर्णय लिया । ग्रामीण भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य को सशक्त करने में अपना अथक सहयोग देने वाले, सामुदायिक नेताओं और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को भी इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

यह पहल उन किशोरियों  तक पहुँचने के लिए नवीन, युवा-केंद्रित समाधानों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है जो अक्सर डिजिटल माध्यमों तक पहुँच होने के बावजूद खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं या मदद लेने में झिझकते हैं। तकनीक, कहानी सुनाने और विभिन खेलों  के ताने-बने से सजा ये मंच , “अब बनेगी अपनी बात” ग्रामीण लड़कियों के लिए सुरक्षित और अधिक जागरूक वातावरण बनाने की दिशा में एक अहम् कदम है

deshpatrika

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