ज़ी टीवी के कलाकारों ने साझा किए करवाचौथ पर अपने विचार

ज़ी टीवी के कलाकारों ने साझा किए करवाचौथ पर अपने विचार

करवाचौथ भारत के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक है, जो विवाहित जोड़ों के लिए बेहद खास मायने रखता है। यह दिन प्यार, विश्वास और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का सुंदर प्रतीक है, जब विवाहित महिलाएं सूर्योदय से लेकर चांद निकलने तक निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। करवाचौथ सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते और उनके बीच की गहराई का उत्सव है। समय के साथ यह त्योहार और भी खूबसूरत रूप में विकसित हुआ है। आज कई पुरुष भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखते हैं, जो आपसी सम्मान, प्रेम और समानता का प्रतीक है। जो परंपरा पहले एकतरफा मानी जाती थी, वह अब दोनों के साझा समर्पण का प्रतीक बन चुकी है, जहां पति-पत्नी एक-दूसरे की खुशहाली और भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं। ज़ी टीवी के कलाकार आर्य बब्बर (‘जागृतिएक नई सुबह’), आयुषी खुराना कक्कड़ (‘जाने अनजाने हम मिले’), परिणीता बोरठाकुर (‘वसुधा’) इस त्योहार की खुशियों में शामिल हुए और करवाचौथ के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

वसुधामें चंद्रिका सिंह चौहान का किरदार निभा रहीं परिणीता बोरठाकुर  कहती हैं, “करवाचौथ हमेशा से मेरे लिए सबसे खूबसूरत और अर्थपूर्ण त्योहारों में से एक रहा है। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और हमारे रिश्ते के बंधन का सच्चा उत्सव है। हर साल मैं इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती हूं — पारंपरिक साज-सज्जा, मेंहदी लगाना, पूजा करना और अपने पति के साथ चांद का इंतजार करना — इन सबमें एक अलग ही जादू है। वह पल जब चांद दिखाई देता है, और छलनी से अपने साथी को देखकर व्रत खोलती हूं, वह एहसास बहुत खास होता है। यह एक मौन वादा है — देखभाल, साथ और एक-दूसरे की खुशियों व लंबी उम्र की दुआ का। मेरे पति और मैं इस दिन को बहुत संजोते हैं, क्योंकि यह हमें हमारी व्यस्त जिंदगी से कुछ पल निकालकर एक-दूसरे के प्रति आभार व्यक्त करने का मौका देता है। मेरे लिए करवाचौथ किसी एक के व्रत रखने का दिन नहीं, बल्कि उस रिश्ते की ताकत का जश्न है जहां दोनों एक-दूसरे की भलाई के लिए समान प्रेम और समर्पण के साथ प्रार्थना करते हैं।”

जागृतिएक नई सुबहमें कालीकांत ठाकुर का किरदार निभा रहे आर्य बब्बर कहते हैं, “करवाचौथ मेरे लिए बेहद खास त्योहार है, जो मुझे यह एहसास कराता है कि मैं कितना भाग्यशाली हूं जो मुझे इतना प्यार करने वाली जीवनसंगिनी मिली है। मैं हमेशा कहता हूं कि अपनी पत्नी के इस दिन के प्रति समर्पण और विश्वास को देखकर मैं बेहद प्रभावित होता हूं। वह हर परंपरा पूरे मन से निभाती हैं और मेरी सलामती के लिए निःस्वार्थ भाव से व्रत रखती हैं। उन्हें पूजा की तैयारी करते, मेंहदी लगाते और पूरे श्रद्धा भाव से प्रार्थना करते देखना मुझे गर्व और कृतज्ञता से भर देता है। मेरे लिए यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि उस भावना का प्रतीक है जो हमारे रिश्ते को और मजबूत बनाती है। जब वह चांद देखकर व्रत खोलती हैं, वह पल हमेशा जादुई लगता है — यह भरोसे, साथ और उन अनकहे वादों का उत्सव है जो हम एक-दूसरे से करते हैं। मैं सच में उनकी शक्ति, आस्था और हमारे रिश्ते को प्रेम और परंपरा में बांधे रखने की उनकी खूबसूरत भावना की बहुत सराहना करता हूं।”

जाने अनजाने हम मिलेमें रीत का किरदार निभा रहीं आयुषी खुराना कक्कड़, जो इस साल शादी के बाद अपना पहला करवाचौथ मना रही हैं, कहती हैं, “अपने पहले करवाचौथ की तैयारी में एक अलग ही उत्साह और श्रद्धा महसूस हो रही है। यह दिन प्यार और समर्पण के असली मायने को और गहराई से समझने का अवसर देता है। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि इस सुंदर परंपरा का हिस्सा बन रही हूं। यह दिन हमारे रिश्ते के प्रति आभार जताने और एक-दूसरे की खुशियों व साथ की प्रार्थना करने का है। इस दिन की तैयारियों के बीच मुझे अपने शो ‘जाने अनजाने हम मिले’ के किरदारों की भी याद आती है, जहां किस्मत और प्यार की कहानियां आपस में गुथी हैं। मैं फिर से दुल्हन की तरह सजने को लेकर बहुत उत्साहित हूं। मेरे लिए करवाचौथ उस प्यार का उत्सव है जो किसी भी शुरुआत से परे जाकर सच्चे रिश्ते में तब्दील हो जाता है। मैं सबको करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं — यह दिन सभी के रिश्तों में प्यार, खुशियां और समृद्धि लेकर आए।”

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