विक्सित भारत 2047 के अनुरूप नवाचार का नेतृत्व कर रहे भारत के युवा सिविल इंजीनियर आईआईटी गांधीनगर में बिल्डिंग भारत संपर्क इनोवेशन बूटकैंप (सिविल इंजीनियरिंग) का सफल समापन
गुजरात दिसंबर 2025: आईआईटी गांधीनगर में 17 से 19 दिसंबर 2025 तक आयोजित बिल्डिंग भारत संपर्क इनोवेशन बूट कैंप इन सिविल इंजीनियरिंग का समापन देशभर से आए युवा सिविल इंजीनियरों की उल्लेखनीय भागीदारी और नवाचारों के प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ हुआ। यह बूट कैंप विशेष रूप से सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया एक विशिष्ट मंच है, जो भारत की अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) प्राथमिकताओं और विक्सित भारत 2047 के विज़न के अनुरूप इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को विकसित करने पर केंद्रित है।
सिविल इंजीनियरिंग की चुनौतियों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, इस बूट कैंप में निर्माण गुणवत्ता, लचीली (रेज़िलिएंट) अवसंरचना, सुरक्षा, परिसंपत्ति प्रबंधन, जीवनरेखा संरचनाओं की निगरानी तथा उभरती निर्माण प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया। छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित न रहते हुए, वास्तविक और क्रियान्वयन योग्य समाधानों के विकास के लिए प्रोत्साहित किया गया, जो भारत के अवसंरचना परिदृश्य को सशक्त बना सकें।
इस आयोजन को देशभर के छात्रों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली। अपेक्षा से कहीं अधिक पंजीकरण हुए और कुल 600 से अधिक प्रविष्टियाँ, जिनमें 70 से अधिक उच्च–गुणवत्ता वाले हैकाथॉन विचार शामिल थे, भारत के विभिन्न संस्थानों से प्राप्त हुए। यह भारी भागीदारी नवाचार-आधारित सिविल इंजीनियरिंग शिक्षा के प्रति बढ़ती आकांक्षा को दर्शाती है और इसी के परिणामस्वरूप आयोजकों ने आगामी वर्ष में इस पहल को कई क्षेत्रों में विस्तार देने का निर्णय लिया है।
तीन दिनों तक चले इस बूट कैंप में वरिष्ठ शिक्षाविदों, अवसंरचना विशेषज्ञों, नवप्रवर्तकों और उद्योग पेशेवरों द्वारा विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए। मेंटरशिप इस अनुभव का मूल आधार रही, जहाँ विशेषज्ञों ने टीमों को समस्या की पहचान, व्यवहार्यता मूल्यांकन, प्रोटोटाइप सुधार तथा अंतिम प्रस्तुतियों के लिए समाधानों को परिष्कृत करने में मार्गदर्शन प्रदान किया।
डॉ. रजनीश दासगुप्ता, ट्रस्टी एवं महानिदेशक – एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इंडिया) एवं राष्ट्रीय निदेशक – बिल्डिंग भारत संपर्क, ने कहा: “बिल्डिंग भारत संपर्क इनोवेशन बूट कैंप इन सिविल इंजीनियरिंग को 600 से अधिक प्रविष्टियाँ और 70 से अधिक संरचित हैकाथॉन विचार प्राप्त हुए हैं, जो हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक हैं। यह उत्साह सिविल इंजीनियरिंग छात्रों की उस मजबूत इच्छा को दर्शाता है, जिसके तहत वे भारत की अवसंरचना यात्रा में नवाचार के माध्यम से सार्थक योगदान देना चाहते हैं। केवल सिविल इंजीनियरिंग पर केंद्रित रहकर यह मंच विक्सित भारत के अनुरूप क्षमता निर्माण की एक महत्वपूर्ण कमी को पूरा करता है। इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए हम कानपुर और दक्षिण भारत में भी इसके संस्करण आयोजित करेंगे, ताकि सभी क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर मिल सकें और वे विक्सित भारत 2047 के विज़न में योगदान दे सकें।”

यह बूट कैंप अकादमिक जगत और उद्योग के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में उभरा, जिसने छात्रों को अवसंरचना विकास की जटिलताओं से परिचित कराया। विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि गुणवत्ता निगरानी, डेटा-आधारित परिसंपत्ति प्रबंधन, निर्माण सुरक्षा और लचीली प्रणालियों में नवाचार, भारत के दीर्घकालिक विकास दृष्टिकोण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
प्रोफेसर रजत मूना, निदेशक, आईआईटी गांधीनगर, ने कहा: “सिविल इंजीनियरिंग राष्ट्र-निर्माण के मूल में है और भविष्य की जटिल अवसंरचना चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचार अनिवार्य है। यह बूट कैंप छात्रों को इन चुनौतियों की गहराई समझने का अवसर देता है और उन्हें व्यावहारिक, स्केलेबल और प्रभावशाली समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार के मंच भारत के भविष्य के इंजीनियरिंग नेतृत्व को आकार देने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”
इस पहल की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, आयोजकों ने उत्तर एवं दक्षिण भारत में बिल्डिंग भारत संपर्क इनोवेशन बूट कैंप इन सिविल इंजीनियरिंग के आगामी संस्करण आयोजित करने की योजना की घोषणा की, जिससे अधिक समावेशिता और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
प्रोफेसर प्रणब कुमार मोहापात्रा, आईआईटी गांधीनगर, ने इसके शैक्षणिक प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा: “यह पहल छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और सिविल इंजीनियरिंग अभ्यास में नवाचार को एक आवश्यक तत्व के रूप में समझने के लिए प्रेरित करती है। उन्हें विशेषज्ञों से सीखने, विचारों का परीक्षण करने और इंजीनियरिंग ज्ञान के वास्तविक अनुप्रयोगों को समझने का अवसर मिलता है। प्रतिभागियों द्वारा दिखाया गया उत्साह इस तरह के मंचों के महत्व को प्रमाणित करता है।”
इस संस्करण की शानदार सफलता इस बात को रेखांकित करती है कि तकनीकी दक्षता, नवोन्मेषी सोच और समस्या-समाधान क्षमताओं से युक्त युवा सिविल इंजीनियरों को प्रोत्साहित करना कितना आवश्यक है। सिविल इंजीनियरिंग नवाचार पर केंद्रित रहते हुए, यह बूट कैंप भारत के इंजीनियरिंग पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाता है और विक्सित भारत 2047 के उद्देश्यों में सार्थक योगदान देता है।
बिल्डिंग भारत संपर्क के बारे में:
बिल्डिंग भारत संपर्क इनोवेशन बूट कैंप इन सिविल इंजीनियरिंग एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य उन युवा सिविल इंजीनियरों को तैयार करना है जो भारत के भविष्य का निर्माण करेंगे। उद्योग विशेषज्ञता, अकादमिक मार्गदर्शन और नवाचार-आधारित शिक्षण अनुभवों को एकीकृत करते हुए, यह पहल युवाओं को देश की सबसे महत्वपूर्ण अवसंरचना चुनौतियों से निपटने और विक्सित भारत 2047 के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सक्षम बनाती है।
एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इंडिया) के बारे में:
एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इंडिया) अवसंरचना क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था है। यह सरकार, उद्योग और अकादमिक जगत को एक साझा मंच पर लाकर संवाद को प्रोत्साहित करती है, ज्ञान साझा करती है और भारत के अवसंरचना पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाती है। मिशनरी, वर्सेटाइल और संस्थागत उत्कृष्टता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित, यह संस्था क्षमता निर्माण, सहयोग और व्यावहारिक उद्योग ज्ञान के माध्यम से राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाती है।
