होरिबा ने भारत में अपनी पहली हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन (H2-ICE) टेस्ट बेड सुविधा का उद्घाटन किया
- यह हाइड्रोजन ईंधन आधारित इंटर्नल कंबशन इंजनों का परीक्षण
- ऊर्जा दक्ष एवं टिकाऊपन के लिए एक नया परिदृश्य
- मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप
पुणे, भारत- 10 दिसंबर, 2024- ऊर्जा और पर्यावरण, बायो एवं हेल्थकेयर और मैटेरियल एवं सेमीकंडक्टर सहित समूह के तीन क्षेत्रों के लिए एनालिटिकल उपकरण एवं मेज़रमेंट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाले क्योटो स्थित जापान के अग्रणी होरिबा लिमिटेड (TYSE 6856) समूह की कंपनी होरिबा इंडिया ने तेजी से उभरते हाइड्रोजन के वृहद क्षेत्र में कदम रखा है। होरिबा ने पुणे के चाकन में होरिबा इंडिया टेक्निकल सेंटर में अपनी पहली हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन (H2-ICE) टेस्ट बेड सुविधा का उद्घाटन किया है। यह नई इकाई ना केवल कारोबार के रास्तों का विस्तार करेगी, बल्कि कार्बन न्यूट्रलिटी, डीकार्बनाइजेशन और टिकाऊपन हासिल करने के वैश्विक विजन को हासिल करने में भी उल्लेखनीय रूप से योगदान करेगी।
होरिबा इंडिया की चाकन इकाई- होरिबा इंडिया टेक्निकल सेंटर (एचआईटीसी) को 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश से 2016 में लांच किया गया जो 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैला है। उत्सर्जन मापन प्रणालियों, उन्नत एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंट्स और देशज कस्टमाइजेशन इकाई के लिए यह 2006 से एक प्रदर्शन आधार के तौर पर काम कर रही है। इस अत्याधुनिक इकाई को आईएसओ 9001:2015, आईएसओ 14001:2015, आईएसओ 45001:2018 और एनएबीएल आईएसओ आईईसी 17025:2017 की मान्यता मिली है जो मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान में सहयोग करती है। होरिबा ने इस टेक्निकल सेंटर में घरेलू और निर्यात आपूर्ति दोनों के लिए एक 2/3 व्हील चेसिस डाइनोमीटर, मेक इन इंडिया ईवी चेसिस डाइनो, आरडीई टेस्टिंग कंटीन्युअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम (सीईएमएस), एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (एएक्यूएमएस) और वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (डब्लूक्यूएमएस) के विकास पर कई परियोजनाएं क्रियान्वित की हैं। होरिबा ने हाल ही में इस इकाई में मास फ्लो कंट्रोलर्स (एमएफसी) का रिपेयर, कैलिबरेशन और प्रोडक्शन शुरू किया है।
इस कंपनी ने इस हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन (H2-ICE) टेस्ट बेड सुविधा को स्थापित करने में और करीब 28-30 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस सुविधा की इंजन टेस्टिंग क्षमता 380 किलोवाट तक की है जो भारतीय वाणिज्यिक वाहन खंड की जरूरतें पूरी करती है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन की तर्ज पर होरिबा की भारत में तीन विनिर्माण इकाइयां हैं जो पुणे के चाकन, नागपुर और हरिद्वार में हैं और ये टियर-2 शहरों में रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। होरिबा लिमिटेड का वैश्विक कारोबार 2.3 अरब डॉलर है। इस कंपनी ने वर्ष 2022 के मुकाबले वर्ष 2032 तक CO2 उत्सर्जन 42 प्रतिशत तक घटाने की प्रतिबद्धता जताई है।
इस उद्घाटन समारोह में होरिबा एनर्जी एंड एनवायर्नमेंट के कार्यकारी कॉरपोरेट अधिकारी डाक्टर जॉर्ज गिलेस्पी और होरिबा लिमिटेड जापान के कॉरपोरेट अधिकारी और होरिबा इंडिया के अध्यक्ष डाक्टर राजीव गौतम मौजूद थे। इस इकाई से होरिबा की दुनियाभर में हॉनमैमन बढ़ेगी। ‘हॉनमैमन’ के जापानी शब्द है जिसका अर्थ प्रामाणिकता और उत्कृष्टता से है जोकि होरिबा की अपनी टेक्नोलॉजी और मानव संपत्ति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए और दुनियाभर में होरिबा इंडिया की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए होरिबा एनर्जी एंड एनवायर्नमेंट के कार्यकारी कॉरपोरेट अधिकारी डाक्टर जॉर्ज गिलेस्पी ने कहा, “होरिबा एक स्वच्छ, हरित धरती की इस अति आवश्यकता को समझती है। पृथ्वी पर अति प्रचूर मात्रा में उपलब्ध घटक हाइड्रोजन, कार्बन न्यूट्रल ईंधन के लिए एक शक्तिशाली समाधान प्रस्तुत करता है जो ऊर्जा में एक नये युग की शुरुआत कर सकता है। हम वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन हासिल करने की भारत की महत्वाकांक्षा में सहयोग करने को लेकर उत्साहित हैं।”
यह हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन टेस्ट बेड सुविधा की स्थापना एक टिकाऊ कल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने जा रहा है और यह भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पहल प्रामाणिकता और उत्कृष्टता की होरिबा की विरासत का एक प्रमाण है जोकि हॉनमैमन बढ़ाने के हमारे मिशन में समाहित है।
होरिबा लिमिटेड जापान के कॉरपोरेट अधिकारी और होरिबा इंडिया के अध्यक्ष डाक्टर राजीव गौतम ने कहा, “इस अत्याधुनिक इकाई में होरिबा का निवेश मेक इन इंडिया उत्पादों और सॉल्यूशंस के साथ एक टिकाऊ भविष्य के लिए हमारी प्रतिबद्धता रेखांकित करती है। अब तक की पहली हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन टेस्ट बेड सुविधा ने संपूर्ण ग्लोबल होरिबा ग्रुप में भारत से काम करना शुरू किया है और यह वर्ष 2033 तक कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में 42 प्रतिशत की कमी लाकर 2050 तक कार्बन न्यूट्रलिटी हासिल करने के होरिबा के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक प्रमाण है। यह निवेश पर्यावरण के लिहाज से कुशल दृष्टिकोण के साथ भारत में वाहन उद्योग में क्रांति लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
होरिबा इंडिया ने ऑटोमोटिव, प्रोसेस एवं पर्यावरण और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ पुणे में 2016 में अपनी यात्रा शुरू की। ये क्षेत्र इसके कारोबार के ज्यादातर हिस्से को कवर करते हैं। इन खंडों को आज होरिबा में ऊर्जा एवं पर्यावरण और मैटेरियल्स एवं सेमीकंडक्टर का नाम दिया गया है। वाहनों की व्यापक उत्सर्जन जांच, इंजन की जांच, आरडीई जांच और कैलिब्रेशन सुविधा से लेकर उन्नत इलेक्ट्रिक वाहन विकास तक, इन सभी के लिए यह कंपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है। अपने क्षितिज का विस्तार करने के लक्ष्य के साथ, होरिबा इंडिया ने पर्यावरण अनुकूल हाइड्रोजन ईंधन आधारित इंटर्नल कंबशन इंजनों की टेस्टिंग में सपोर्ट के लिए डिजाइन की गई इस हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन टेस्ट बेड सुविधा का उद्घाटन किया है। इस नई इकाई में हाइड्रोजन गैस एनालाइजर (HyEVO), इंजन या फिर फ्यूल सेल के हाइड्रोजन खपत को मापने वाले हाइड्रोजन फ्यूल फ्लो मीटर (HyFQ-2000 Series), लेजर स्पेक्ट्रोस्कोपिक मीटर एक्जॉस्ट गैस एनालाइजर (MEXA-ONE-XL-NX), इंजन डायनामोमीटर जैसे उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक पूर्ण एक्सपीरियंस जोन होगा। इसके अलावा, ग्राहकों और संरक्षकों को कुछ उत्पादों के सजीव प्रदर्शन से अनूठी टेक्नोलॉजीज़ का व्यवहारिक अनुभव की पेशकश की जाएगी।
इस प्रथम हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन टेस्ट बेड सुविधा की स्थापना होरिबा इंडिया के इतिहास में एक यादगार कदम है। 50 से 380 किलोवाट तक के इंजनों की जांच की सुविधा के साथ यह इकाई वैश्विक सुरक्षा मानकों और अनुपालन जरूरतों को पूरा करती है। इसे भारतीय बाजार की निरंतर विकसित होती मांगों को पूरा करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है और यह भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में सहयोग करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।