विरोहन ने जापान की माइनावी कॉरपोरेशन और ब्लूम वेंचर्स के नेतृत्व में 65 करोड़ रुपये ($7.5 मिलियन) की सीरीज़-बी फंडिंग हासिल की, हेल्थकेयर शिक्षा को अधिक सुलभ और असरदार बनाने में महत्वपूर्ण कदम
नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2025: भारत में हेल्थकेयर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान, विरोहन ने अपनी चल रही सीरीज़-बी फंडिंग के तहत 65 करोड़ रुपये (7.5 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं, जिसका नेतृत्व मायनावी कॉर्पोरेशन ने किया है। इस निवेश दौर में विरोहन के मौजूदा निवेशकों जैसे ब्लूम वेंचर्स, भारत इनक्लूसिव टेक्नोलॉजीज़ सीड फंड और रीब्राइट पार्टनर्स ने भी भाग लिया।
यह फंडिंग उत्पाद नवाचार, संचालन दक्षता में सुधार और रणनीतिक रूप से प्रतिभाशाली पेशेवरों की टीम के विस्तार के माध्यम से विरोहन को लाभप्रदता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में मदद करेगी।
विरोहन यूपीईएस (देहरादून), बीबीडी यूनिवर्सिटी (लखनऊ), सीएमआर यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु), असम डॉन बॉस्को यूनिवर्सिटी (गुवाहाटी), एमआईटी यूनिवर्सिटी (शिलांग), जी.एच. रायसोनी यूनिवर्सिटी (नागपुर और पुणे), सिल्वर ओक यूनिवर्सिटी (अहमदाबाद) सहित कई प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर एलाइड हेल्थकेयर, नर्सिंग और हेल्थकेयर मैनेजमेंट में उच्च गुणवत्ता के स्नातक कार्यक्रम संचालित करने में सक्षम बनाता है। उद्योग स्तर पर, विरोहन लेंसकार्ट, मेदांता, हेल्थियंस, डॉ. लाल पैथलैब्स जैसी प्रमुख हेल्थकेयर कंपनियों के साथ मिलकर काम करता है, जिससे उसके छात्रों के लिए पढ़ाई से लेकर नौकरी तक का मजबूत रास्ता तैयार होता है।
2018 में स्थापना के बाद से, विरोहन के मॉडल ने उत्कृष्ट परिणाम दिए हैं- यह एक इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में 20 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ जुड़ा है, 13,000 से अधिक महत्वाकांक्षी हेल्थकेयर पेशेवरों को प्रशिक्षित कर चुका है, और 2,000 से अधिक हेल्थकेयर नियोक्ताओं के साथ सहयोग कर रहा है, ताकि इसके स्नातक पहले ही दिन से करियर के लिए पूरी तरह तैयार हों।
इस घोषणा पर बोलते हुए, विरोहन के CEO कुणाल डुडेजा ने कहा: “हेल्थकेयर सिस्टम कुशल पेशेवरों पर चलता है, फिर भी शिक्षा और रोजगार के बीच सही मार्ग न होने के कारण लाखों पद खाली रहते हैं। विरोहन में, हमारा मिशन उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक उद्योग भागीदार के रूप में इस अंतर को बड़े पैमाने पर पाटना है। नए और मौजूदा निवेशकों के समर्थन से हम प्रौद्योगिकी में और ज़्यादा निवेश कर सकते हैं, अपने साझेदारियों का विस्तार कर सकते हैं, और छात्रों के लिए करियर के अवसर खोल सकते हैं। 2030 तक, हमारा लक्ष्य 10 लाख छात्रों को तैयार करना और भारत और विदेशों में एलाइड हेल्थकेयर कार्यबल का स्तंभ बनना है।”
मैनावी इंडिया के प्रबंध निदेशक हिदेकाज़ु इतो ने कहा: “भारत और पूरी दुनिया में कुशल हेल्थकेयर पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और विरोहन का मॉडल — जो तकनीक, उद्योग-संबंधित शिक्षा और मजबूत संस्थागत साझेदारियों को जोड़ता है — बड़े पैमाने पर हेल्थकेयर शिक्षा देने के तरीके को पूरी तरह से नया रूप देने की क्षमता रखता है। मायनावी में हम उद्देश्य-संचालित संस्कृति के साथ विकसित हुए हैं, और जापानी बाजार में अपने मानव संसाधन व्यवसाय के जरिए लोगों के जीवन के अहम पड़ावों और करियर में बदलावों में उनका साथ देते हैं। भारत में, हम मानव संसाधन और शिक्षा क्षेत्रों की महत्वपूर्ण चुनौतियों को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम दृढ़ता से मानते हैं कि विरोहन की लगातार बढ़ती सफलता सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करेगी और इन मुख्य समस्याओं के समाधान में मदद करेगी।”
इस उपलब्धि के साथ, विरोहन भारत में अगले दशक की हेल्थकेयर शिक्षा और कार्यबल विकास को आकार देने के लिए तैयार है- जिससे क्लासरूम और करियर के बीच एक बेहतर कनेक्शन बनेगा।
